5 अक्टूबर 2022 - पारुल सैनी, वेबमेडी टीम
आपकी आंखें जटिल अंग हैं जिन्हें ठीक से काम करने के लिए कई अलग-अलग विटामिन और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आंखों के स्वास्थ्य के लिए एक पौष्टिक, विविध आहार महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम आंखों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक विटामिन और खनिजों के बारे में जानेंगे, जिसे लेकर आप आप थकी हुई आंखों का इलाज कर सकेंगे।
आंखों की कुछ प्रमुख समस्याएं हैं:
ग्लूकोमा आंखों की स्थिति है जो ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचती है। ऑप्टिक नर्व आपकी आंख से आपके मस्तिष्क को विश़ूअल जानकारी भेजती है और अच्छी दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है। ऑप्टिक नर्व को नुकसान अक्सर आपकी आंख में उच्च दबाव से होता है। लेकिन सामान्य आंखों के दबाव से भी ग्लूकोमा हो सकता है।
ऐज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) एक नेत्र रोग है जो आपकी केंद्रीय दृष्टि को धुंधला कर सकता है। यह तब होता है जब उम्र बढ़ने से मैक्युला को नुकसान होता है। मैक्युला रेटिना का हिस्सा है और यह तेज, सीधे-सीधे दृष्टि को नियंत्रित करता है।
मोतियाबिंद एक नेत्र रोग है जिसमे आपका लेंस बादल जैसा धुंधला हो जाता है। आपके लेंस में प्रोटीन टूट जाते हैं और चीजें धुंधली या कम रंगीन दिखने लगती हैं।
रेटिनोपैथी आंखों के रेटिना की क्षति है, जिससे दृष्टि की हानि हो सकती है। रेटिना को यह नुकसान असामान्य रक्त प्रवाह के कारण होता है।
ये प्रमुख समस्याएं मुख्य रूप से उच्च स्तर के ऑक्सीडेशन के कारण होती हैं, जो अक्सर हाई ब्लड शुगर के स्तर या फैट भंडारण हार्मोन के उच्च स्तर के कारण होता है। यही कारण है कि यदि आपको डायबिटीज है, तो आपको आंखों की समस्या अधिक होती हैं। जीवनशैली, आहार, या उम्र से संबंधित कारक आंखों की समस्याओं में भी भाग ले सकते हैं लेकिन चीनी मुख्य कारन है।
खराब पोषण से दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन अन्य कारकों की तुलना में इसे ठीक करना आसान है। कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य कर सकते हैं। उनके सुरक्षात्मक गुण सूजन से लड़ने में मदद करते हैं, स्वस्थ ब्लड शुगर के स्तर का समर्थन करते हैं और आंखों को मजबूत करते हैं। स्वस्थ आँखों के लिए ये महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं:
आइए इन पोषक तत्वों में से प्रत्येक को देखें और जानें कि उनकी कमी से आंखों की समस्या कैसे हो सकती है।
विटामिन डी की कमी से ड्राई आई सिंड्रोम हो सकता है। विटामिन डी की कमी शुष्क आँखों में योगदान कर सकती हैं और विटामिन के स्तर में गिरावट आने पर आँसू पैदा करने में कठिनाई हो सकती है। दृष्टि में धुंधलापन औरआंखों में खुजली हो सकती है। आंखों का सामान्य से अधिक प्रकाश के प्रति संवेदनशील होना भी संभव है। विटामिन डी को एंटी इंफ्लेमेटरी माना जाता है, इसलिए यह सूखी आंखों में मदद करता है।
यदि आप सूखी आंखों के इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो विटामिन डी के सेवन को बढ़ाने से आपको राहत मिल सकती है। विटामिन डी का अधिकांश भाग धूप से मिलता है, इसलिए बाहर अधिक समय बिताने से इसमें मदद मिल सकती है। अंडे, मैकेरल, दूध और सैलमन मछली में भी विटामिन डी पाया जाता है।
गंभीर विटामिन ए की कमी से ज़ेरोफथाल्मिया हो सकता है, एक गंभीर स्थिति जिसके परिणामस्वरूप अंधापन हो सकता है। कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि उच्च मात्रा में विटामिन ए का सेवन करने से मोतियाबिंद और ऐज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन का कम जोखिम हो सकता है।
विटामिन सी की कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ हैं, जिसमें सेल्स की रक्षा करने और आँखों में ब्लड वेसेस्ल्स को सहारा देने में मदद करना शामिल है। आंख में नर्व सेल्स को ठीक से काम करने के लिए विटामिन सी की आवश्यकता होती है। इसके ऊपर कॉर्निया में पाए जाने वाले कोलेजन जैसे कनेक्टिव टिश्यू के निर्माण के लिए विटामिन सी की आवश्यकता होती है।
अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन सी मोतियाबिंद से रक्षा कर सकता है और ऐज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) की प्रगति को रोकने में मदद कर सकता है। विटामिन सी की कमी से सूखी आंखें हो सकती हैं। दूसरी ओर, विटामिन सी के सप्लीमेंट लेने से सूखी आंखों का होना काम होता है।
विटामिन ई की कमी से दृष्टि की क्वालिटी में कमी और समय के साथ दृष्टि की हानि सहित विभिन्न लक्षण हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेटिना में प्रकाश रिसेप्टर्स क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। विटामिन ई एक एंटीऑक्सिडेंट है इसलिए ऑक्सीडेटिव क्षति से भी बचा सकता है। चूंकि यह उम्र से संबंधित मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) जैसी बीमारियों से जुड़ा है, इसलिए पर्याप्त विटामिन ई प्राप्त करने से इस समस्या के विकसित होने का खतरा कम हो सकता है।
दृष्टि संबंधी समस्याएं, जैसे धुंधली या विकृत दृष्टि, तब हो सकती हैं जब आहार में पर्याप्त विटामिन बी12 न हो। आमतौर पर सप्लीमेंट खाने से दृष्टि समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है जो बी 12 की कमी का परिणाम हैं। समस्या को विकसित होने से रोकने के लिए, टोफू, मछली, पनीर और दूध सहित खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
जिंक की कमी से धुंधली दृष्टि हो सकती है। माना जाता है कि जिंक आंखों को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने के अलावा मोतियाबिंद की रोकथाम में योगदान देता है। जिंक से उम्र से संबंधित मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) के विकास के जोखिम कम हो सकता है।
कुछ खाद्य पदार्थ जिनमें जिंक होता है उनमें काजू, कद्दू के बीज, क्विनोआ और फलियां शामिल हैं।
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